सुपरमैन (2025) मूवी रिव्यू

Akash Saharan
53 Min Read
सुपरमैन (2025) मूवी रिव्यू

तो डीसी फैंस! सालों का इंतजार, ढेर सारी उम्मीदें और बीच-बीच में थोड़ी नाउम्मीदी… क्या जेम्स गन की ‘सुपरमैन’ सच में वो एक फिल्म है जो सब कुछ बदल देगी? या ये बस एक और सुपरहीरो फिल्म बनकर रह जाएगी? सालों से हम डीसी को एक सक्सेसफुल यूनिवर्स बनाने के लिए स्ट्रगल करते देख रहे हैं. कभी फिल्में ज़रूरत से ज़्यादा डार्क हो जाती थीं, तो कभी कहानी ही पानी मांग जाती थी. लेकिन अब, ‘गार्डियंस ऑफ द गैलेक्सी’ वाले जेम्स गन ने डीसी की कमान संभाली है, और उनकी पहली पेशकश है ‘सुपरमैन’. सवाल एक ही है, और बहुत बड़ा है: क्या ये फिल्म डीसी का भविष्य बचाएगी? क्या ये वो सुपरमैन है जिसका हम सबको बेसब्री से इंतज़ार था? चलिए, आज पता लगाते हैं.

स्पॉइलर-मुक्त कहानी (Spoiler-Free Story)

सबसे पहले तो, चैन की सांस लीजिए. जेम्स गन ने हमें एक और ओरिजिन स्टोरी दिखाकर नहीं पकाया है. फिल्म जब शुरू होती है, दुनिया सुपरमैन को पहले से जानती है. वो लोगों का हीरो है और क्लार्क केंट, डेली प्लैनेट में एक नौजवान रिपोर्टर. कहानी का असली मुद्दा सुपरमैन की दोहरी पहचान और इंसानों के बीच उसकी जगह को लेकर है. फिल्म का विलेन है लेक्स लूथर, जिसे निकोलस हॉल्ट ने निभाया है. ये कोई मामूली विलेन नहीं, बल्कि एक बेहद चालाक और अमीर बिजनेसमैन है जो सुपरमैन से जलता है.

उसे लगता है कि सुपरमैन की वजह से आम इंसान कमजोर महसूस करते हैं. वो सुपरमैन को पब्लिक की नज़रों में गिराने के लिए सोशल मीडिया और पब्लिक ओपिनियन का इस्तेमाल एक हथियार की तरह करता है. कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब सुपरमैन एक इंटरनेशनल मामले में दखल देता है और विवादों में घिर जाता है. बस, यहीं से लेक्स लूथर अपना खेल शुरू करता है और सुपरमैन को एक हीरो नहीं, बल्कि एक एलियन खतरा साबित करने में जुट जाता है. अब सुपरमैन को सिर्फ दुनिया ही नहीं बचानी, बल्कि लोगों का भरोसा भी वापस जीतना है. ये लड़ाई ताकत की कम, उसूलों की ज़्यादा है.

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पॉजिटिव पहलू (The Positives)

अब बात करते हैं उन चीज़ों की जो इस फिल्म को खास बनाती हैं. और यकीन मानिए, ये लिस्ट काफी लम्बी है.

जेम्स गन का डायरेक्शन और विज़न:
जेम्स गन ने जो सबसे बड़ा जादू किया है, वो है फिल्म का टोन. जहाँ पुरानी डीसी फिल्में अक्सर暗ा और गंभीर होती थीं, वहीं ये ‘सुपरमैन’ उम्मीद और रोशनी से भरपूर है. गन ने सुपरमैन को फिर से ‘उम्मीद का प्रतीक’ बनाया है; एक ऐसा हीरो जो बेरहम नहीं, बल्कि दयालु है. उन्होंने ह्यूमर, इमोशन और एक्शन को इतनी खूबसूरती से मिलाया है कि फिल्म एक पल के लिए भी बोरिंग नहीं लगती. आपको ‘गार्डियंस ऑफ द गैलेक्सी’ वाला मज़ा भी मिलेगा, लेकिन डीसी का इमोशनल टच भी बना रहता है. गन ने एक ऐसी दुनिया बनाई है जो कॉमिक्स की तरह रंगीन और थोड़ी अनोखी है. वो चाहते हैं कि आप लॉजिक लगाने के बजाय बस इस दुनिया में खो जाएं. डीसी के लिए ये एक नई सुबह जैसी फीलिंग है.

दमदार एक्टिंग:
कास्टिंग इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकतों में से एक है. डेविड कोरेंसवेट नए सुपरमैन के रोल में छा गए हैं. जब उनका नाम अनाउंस हुआ था, तो कई लोगों को शक था, पर स्क्रीन पर वो क्लार्क केंट की मासूमियत और सुपरमैन की ताकत, दोनों को पूरी ईमानदारी से जीते हैं. उनमें एक क्लासिक हीरो वाला चार्म है जो आपको पुराने सुपरमैन की याद दिलाएगा, पर वो किसी की नकल नहीं करते. रेचल ब्रोसनाहन ने लोइस लेन के किरदार में जान डाल दी है. वो सिर्फ सुपरमैन की लव-इंटरेस्ट नहीं, बल्कि एक स्मार्ट और बहादुर रिपोर्टर हैं, और डेविड के साथ उनकी केमिस्ट्री जबरदस्त है. लेकिन जो एक्टर पूरी महफ़िल लूट लेता है, वो है निकोलस हॉल्ट, लेक्स लूथर के रोल में. उनका लेक्स घमंडी, क्रेज़ी और बहुत ही खतरनाक है. वो सुपरमैन को फिजिकली नहीं, बल्कि दिमागी तौर पर तोड़ता है, और आपको स्क्रीन पर उससे नफरत हो जाएगी, जो एक विलेन की सबसे बड़ी जीत होती है.

कहानी और इमोशनल गहराई:
ये फिल्म सिर्फ एक्शन का शो-ऑफ नहीं है; ये दिल से कनेक्ट करती है. क्लार्क का अपनी इंसानी परवरिश और क्रिप्टोनियन पहचान के बीच का स्ट्रगल बहुत अच्छे से दिखाया गया है. फिल्म इस सवाल को छूती है कि जिसके पास भगवान जैसी ताकत हो, उसके लिए दयालु और विनम्र बने रहना कितना मुश्किल है. एक बहुत ही प्यारा और सरप्राइजिंग एलिमेंट है क्रिप्टो द सुपरडॉग. ये सिर्फ एक साइडकिक नहीं, बल्कि कहानी का इमोशनल सेंटर है. सुपरमैन और क्रिप्टो का रिश्ता फिल्म में ह्यूमर और एकอบอุ่น लाता है जो आपके चेहरे पर मुस्कान ले आएगा. ये फिल्म दिखाती है कि सुपरमैन की असली ताकत उसकी आँखों से निकलती लेज़र नहीं, बल्कि उसका दिल और उसके रिश्ते हैं.

एक्शन और VFX:
और हाँ, इमोशन्स का मतलब ये नहीं कि एक्शन में कोई कमी है. एक्शन सीक्वेंस बहुत स्टाइलिश और नए हैं. कुछ फाइट्स में आपको ‘जॉन विक’ जैसी कोरियोग्राफी की झलक भी मिलेगी. एक्शन तेज़ और दमदार है, और जेम्स गन ने स्पेशल इफेक्ट्स का भरपूर इस्तेमाल किया है. मेट्रोपोलिस में होने वाली लड़ाई हो या सुपरमैन के उड़ने के सीन, VFX टॉप-क्लास हैं और फिल्म को एक बहुत बड़ा और शानदार लुक देते हैं. फिल्म में ग्रीन लैंटर्न और हॉक्गर्ल जैसे दूसरे सुपरहीरोज की एंट्री एक्शन को और भी रोमांचक बना देती है. बैकग्राउंड म्यूजिक भी एक्शन सीन्स को और पावरफुल बनाता है, जिससे हर पंच और हर धमाका आपको अपनी सीट पर उछाल देगा.

Here comes the CGI destruction again. Photograph: Warner Bros. Pictures

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नेगेटिव पहलू (The Negatives)

अब, ऐसा तो है नहीं कि फिल्म में कोई कमी ही नहीं है. कुछ छोटी-मोटी बातें हैं जो शायद कुछ लोगों को खटक सकती हैं.

फिल्म का एक कमजोर पॉइंट शायद इसके सपोर्टिंग कैरेक्टर्स हैं. जहाँ सुपरमैन, लोइस और लेक्स के किरदार बहुत अच्छे लिखे गए हैं, वहीं ‘द अथॉरिटी’ या दूसरे हीरोज को उतना स्क्रीन टाइम या गहराई नहीं मिली है. ऐसा लगता है कि उन्हें बस भविष्य की फिल्मों के लिए सेट-अप किया गया है.

इसके अलावा, कुछ लोगों को फिल्म बीच-बीच में थोड़ी धीमी लग सकती है. जेम्स गन ने किरदारों के इमोशनल सफर पर इतना फोकस किया है कि कुछ हिस्सों में एक्शन की रफ्तार कम हो जाती है. जो लोग सिर्फ नॉन-स्टॉप एक्शन की उम्मीद से जाते हैं, उन्हें शायद ये थोड़ा अखर सकता है. फिल्म का प्लॉट भी काफी सीधा और सरल है. इसमें बहुत ज़्यादा ट्विस्ट और टर्न्स नहीं हैं. हालांकि ये कहानी को फोकस्ड रखता है, लेकिन कुछ दर्शक शायद एक ज़्यादा कॉम्प्लेक्स कहानी की उम्मीद कर रहे होंगे. एक समीक्षक का तो ये भी मानना है कि फिल्म का प्लॉट और कुछ किरदार बच्चों की फिल्मों जैसे लगते हैं, जो इसे थोड़ा बचकाना बना देता है.

अंतिम फैसला और रेटिंग (Final Verdict & Rating)

तो अब आते हैं सबसे बड़े सवाल पर: क्या ‘सुपरमैन’ डीसी का भविष्य बचाएगा?

जवाब है- हाँ, बिलकुल! जेम्स गन की ‘सुपरमैन’ वो फिल्म है जिसका डीसी को सालों से इंतजार था. ये सिर्फ एक अच्छी सुपरहीरो फिल्म नहीं है, बल्कि एक नए सिनेमैटिक यूनिवर्स के लिए एक ज़बरदस्त लॉन्चपैड है. यह साबित करती है कि एक सफल सुपरहीरो फिल्म बनाने के लिए हमेशा डार्क और सीरियस होना जरूरी नहीं है. उम्मीद, इमोशन और शानदार किरदारों के साथ भी एक बेहतरीन कहानी कही जा सकती है.

ये फिल्म पिछली डीसी फिल्मों की गलतियों से सीखती है और मार्वल को कॉपी करने के बजाय अपना खुद का रास्ता बनाती है. डेविड कोरेंसवेट का सुपरमैन आने वाले कई सालों तक इस यूनिवर्स का चेहरा बने रहने का दम रखता है. फिल्म का क्लाइमेक्स न सिर्फ आपको संतुष्ट करेगा, बल्कि भविष्य की कहानियों के लिए कई रोमांचक दरवाजे भी खोलता है.

अगर आप डीसी के फैन हैं, तो ये फिल्म आपके लिए किसी ट्रीट से कम नहीं है. अगर आप सुपरहीरो फिल्मों से थक चुके हैं, तो ये फिल्म आपका विश्वास वापस जीत सकती है. और अगर आप सिर्फ एक अच्छी, दिल को छूने वाली कहानी देखना चाहते हैं, तो भी ‘सुपरमैन’ आपको निराश नहीं करेगी.

मेरी तरफ से इस फिल्म को मिलेंगे 5 में से 2 स्टार.

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